hindi poem

Pandit Makhanlal Chaturvedi (4 April 1889 – 30 January 1968)

किसान-कवि, लेखक और निर्भीक पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी राजद्रोह में जेल गए, CM पद ठुकराया और सम्मान लौटाया शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने स्कूली शिक्षा के दौरान या फिर साहित्य-अध्ययन के दौरान ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता न पढ़ी हो. चाह नहीं मैं सुरबाला के, गहनों में गूंथा जाऊं, चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध, प्यारी को ललचाऊं चाह नहीं सम्राटों के शव पर, हे हरि डाला जाऊं चाह नहीं देवों के सिर पर, चढूं भाग्य पर इठलाऊं मुझे तोड़…

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अजंता देव AJANTA DEV

सरलता से गहरी बात कहने का हुनर अजंता देव की कविताओं में खूब देखने को मिलता है. इनकी लगभग हर कविता बहुत शानदार है. इनकी भाषा भी उतना ही प्रभावित करती हैं जितनी कविता. पढ़िए ‘ग़ज़ल के रंग में’ मुमकिन हुई चर्चित कवयित्री अजंता देव की शानदार, जानदार कविता रात अंधेरी तारे गुम इस पल सबसे प्यारे तुम जितना हमसे दूर हुए उतने हुए हमारे तुम घास फूल चिड़िया आकाश सबमें नदी किनारे तुम अनजाने में जीत गए जान-बूझकर हारे तुम मंदिर…

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