Pandit Makhanlal Chaturvedi (4 April 1889 – 30 January 1968)
किसान-कवि, लेखक और निर्भीक पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी राजद्रोह में जेल गए, CM पद ठुकराया और सम्मान लौटाया शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने स्कूली शिक्षा के दौरान या फिर साहित्य-अध्ययन के दौरान ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता न पढ़ी हो. चाह नहीं मैं सुरबाला के, गहनों में गूंथा जाऊं, चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध, प्यारी को ललचाऊं चाह नहीं सम्राटों के शव पर, हे हरि डाला जाऊं चाह नहीं देवों के सिर पर, चढूं भाग्य पर इठलाऊं मुझे तोड़…